Monday, December 23, 2024
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जान से मारने के उद्देश्य से अधेड़ पर हमलाकर खाई में पटका, अलसुबह हिंगोला के समीप राहगीर उमड़े

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तखतगढ़ से गंभीरावस्था घायल सुमेरपुर रेफर

-सूचना पर थाना प्रभारी मय दल पहुंचे अस्पताल

तखतगढ़ (पाली)। थाना क्षेत्र के हिंगोला के समीप जान से मारने के उद्देश्य से एक अधेड़ पर हाथ पैर तोड़कर हमला सड़क के किनारे खाई में पटक कर अज्ञात आरोपी फरार हो गए। शुक्रवार अलसुबह हिंगोला के समीप राहगीरों को तड़पने की आवाज सुनकर अन्य राहगीर एकत्रित हुए। सूचना पर तखतगढ़ से 108 एम्बलेंस मौके पर पहुंची। गंभीर रूप से घायल को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे।

 

गंभीरावस्था में उसे सुमेरपुर रेफर किया गया। सूचना पर थाना प्रभारी कैलाशदान मय जाब्ता भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। घायल बयान देने की स्थिति में नही है। बताया जा रहा है कि कोसेलाव निवासी रमेशकुमार पुत्र नारायणलाल मीना,जो गुड़िया ईन्द्रपुरा में वेडिंल्ग का कार्य करता है। उसके पुत्र ने बताया कि शाम को कार्य बंद कर निकले।रात को भी पिता की तलाश रहे थे। तब उसे सूचना मिली कि हिंगोला-गोगरा मार्ग पर एक युवक खाई में पड़ा है। शिखाख्त के बाद उसे उपचार के लिए 108एम्बलेंस को सूचना दी। उपचार के लिए तखतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सुमेरपुर किया गया। गंभीर अवस्था में उसे सुमेरपुर से उदयपुर के लिए रवाना किया जा रहा है।

-कार्मिक चिकित्सक को फोन करता रहा, नही पहुंचा चिकित्सक- घटना से पूर्व चतुर्थ श्रेणी कार्मिक स्टेचर लेकर बाहर घायल हो भीतर ले जाने के लिए खड़ा रहा। एम्बुलेंस के आने के बाद चतुर्थ श्रेणी कार्मिक चिकित्सक को फोन करता रहा। आखिरकार बीसीएमओ सुमेरपुर डाॅ गोविंदसिंह चूंडावत को फोन किया। तब जाकर चिकित्सक पहुंचा। एम्बुलेंस में ही स्थिति को देखकर रेफर किया।

रात को भी ऐसी ही आया था मामला-घायल के भाई ने बताया कि मेरे भाई रमेश के जैसा शाम को एक और गंभीर घायल की जानकारी मिली है। उन्हे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर आए थे। आरोपियों के बारे में पुलिस जानकारी एकत्रित कर रही है।

इनका कहना है-
गंभीर रूप से घायल के अस्पताल आने के बाद चिकित्सक को अपने समय पर सेवा का कर्तव्य है। चिकित्सक की सेवा से गंभीर की जान बच सकती है शेष मल कुमावत,पूर्व पार्षद नगरपालिका,तखतगढ़ ।

अस्पताल में पहुंचने वाला मरीज य गंभीर रूप से घायल के उपचार करने का चिकित्सक का कर्तव्य है। ज्यों ही सूचना मिलते ही चिकित्सकों का कर्तव्य बनता है कि वे मरीज या गंभीर रूप से घायल हो उपचार में कौतही नही बरते। मानवीय संवेदना भी होनी चाहिए।मै उन्हे समय पर आने को लेकर पाबंद करता हूं। डाॅ गोविंदसिंह,बीसीएमओ, सुमेरपुर।

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