Tuesday, December 24, 2024
Homeकार्यक्रमशिक्षक के कंधो पर सुसभ्य नागरिक तैयार करने की होती हैं जिम्मेदारी

शिक्षक के कंधो पर सुसभ्य नागरिक तैयार करने की होती हैं जिम्मेदारी

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भाद्राजुन । निकटवर्ती ग्राम नोसरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । दरअसल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नोसरा में सभी शिक्षकों का विधार्थियों द्वारा तिलक करके स्वागत किया गया । प्रधानाचार्य विनोदकुमार ने शिक्षक दिवस का महत्व बताते हुए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन दर्शन से विधार्थियों को परिचय कराया । उन्होंने कहा की डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे है। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा और उनके जन्म दिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम संयोजिका रविंद्र कौर ने गुरु महत्व को साझा करके जीवन में शीर्ष स्थान प्राप्त करने का आव्हान किया । उपचारात्मक शिक्षण शिक्षक भरत कोराणा ने महाभारतकालीन गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य की अनन्य गुरु भक्ति का दृष्टांत सुनाकर विधार्थियो को गुरु शिष्य परम्परा का महत्व बताया । इस मौके अंशकालीन समय हेतु विधार्थी वर्ग में से शिक्षकों की भूमिका निभाने वाले विधार्थियों का भी बहुमान किया । इस मौके प्रधानाचार्य विनोदकुमार , रविंद्र कौर , रामनिवास जांघू , मनोजकुमार सैनी ,जसपाल कौर , नैनाराम , गुलजारीलाल चौधरी , भंवरलाल मीणा, हंसाराम , अनिता प्रजापत , उपचारात्मक शिक्षण शिक्षक भरत कोराणा , छगनलाल , अरुणाकुमारी , विनोद विराश , छात्राध्यापक राहुल त्रिवेदी , कामाक्षी समेत शिक्षकगण एवम विधार्थी उपस्थित रहे ।

 

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