जालोर । (सुरेश गर्ग रोडला) कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किसानों की सामाजिक-आर्थिक और पोषण सुरक्षा के लिए खरीफ ऋतु की बुवाई के लिए सायला तहसील के आकवा व जालोर तह्सील के पिजोपुरा गांव में बाजरे की आरएआरआई दुर्गापुरा से वर्ष 2019 में विकसित बायोफोर्टीफाइड किस्म आरएचबी-233 का अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन कर किसानों को जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार ने पश्चिमी राजस्थान में बाजरे की फसल के महत्त्व के बारे में जानकारी दी। केंद्र के शस्य वैज्ञानिक बिरम सिंह गुर्जर ने बाजरे की वैज्ञानिक खेती के लिए बुवाई से कटाई तक सभी कृषि क्रियाओं के बारे में विस्तार से समझाते हुए कृषि में उन्नत बीज के महत्व एवं बाजरे की फसल में लगने वाले रोग एवं कीटों के बारे में किसानों को जानकारी दी।
कार्यक्रम में श्रीमती सुमन शर्मा ने बाजरे की बायोफोर्टीफाइड किस्म आरएचबी-233 के सूक्ष्म तत्वों (आयरन एवं जिंक) की अधिकता के बारे में बताया एवं बाजरे से बनने वाले उत्पादों के बारे में जाकारी दी। केंद्र के मौसम वैज्ञानिक आनंद कुमार शर्मा ने आगामी मौसम के बारे में अवगत करवाया तथा उद्यान वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार पारीक ने बीज उपचार एवं ऑर्गेनिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र केशवना में किया गया पौधारोपण:-
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम ‘‘एक पौधा माँ के नाम” अभियान को गति देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र केशवना में पौधारोपण किया गया।
अभियान के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र में मातृ वृक्ष खेजड़ी थार शोभा के 50 पौधों का पौधारोपण केंद्र के प्रभारी एवं समस्त कार्मिकों के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार ने अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
केन्द्र के डॉ. पवन कुमार पारीक, बिरम सिंह गुर्जर, श्रीमती सुमन शर्मा, आनंद कुमार, मनीष चौधरी, भूपेन्द्र सिंह व पिराराम ने कार्मिकों के सहयोग से वृक्षारोपण कर पौधों की देखरेख का संकल्प लिया।