◆बहिनों ने भाई के माथे तिलक, आरती व मुँह मीठा करवाकर पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया
आहोर । (एस के रोडला)उपखंड क्षैत्र के ग्रामीण क्षैत्र रोडला, भूति, कवलाँ, मुलेवा,वलदरा, चांदराई, शंखवाली सहित क्षैत्रभर में दीपावली पाँच पर्वो का एक समूह को लेकर खासा उत्साह देखा गया।
दीपावली का पर्व है वो मुख्यत: पाँच पर्वो का एक समूह है जिसमे धन त्रयोदशी यानी धनतेरस, नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज यानी ये पंच पर्व मिलकर के दीपावली का पर्व बनते है, कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का संबंध है यमराज के साथ और द्वितीय तिथि के साथ, इसीलिए इसको यम द्वितीय भी कहते है।भाईदूज के पर्व को लेकर बहिनों व भाईयों में खासा उत्साह देखा गया। बहने सुबह स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव, भगवान विष्णु या गणेश की पूजा कर हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पाँच पत्ते, सुपारी और चाँदी का सिक्का रख उसके बाद बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर और फिर भाई की दीर्घायु के लिए मंत्रोच्चर के साथ भाई का मिठाई से मुँह मीठा करवाकर उसकी आरती उतारने के साथ भाई द्वारा बहनों को कुछ उपहार भेंट के साथ पर्व को मनाया गया। वही इस पर्व को लेकर छोटे छोटे बहन भाईयों मे भी खासा उत्साह नजर आया। दिव्या गर्ग रोडला ने बताया कि वो भाई बहन के अटुट रिश्तो का पवित्र पर्व भाईदूज को लेकर भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस पर्व पर भाई के दीर्घायु जीवन, खुशहाली, सुख समृद्धि की कामना की गई।