◆पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की शिकायत पर हुई जांच में हुआ खुलासा
शिवगंज। पंचायत समिति शिवगंज की ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत साफ-सफाई कार्यों के टेंडर की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की ओर से की गई शिकायत पर अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव (द्वितीय) ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, जयपुर के आदेश पर गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर सौंप दी हैं।
◆लोढ़ा ने यह लगाया था आरोप
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि पंचायत समिति शिवगंज की 26 ग्राम पंचायतों में से केवल 3–4 में ही ऑनलाइन टेंडर किए गए, जबकि अधिकांश ग्राम पंचायतों में ठेकेदारों से सांठगांठ कर ऑफलाइन टेंडर करवाए गए। उनका आरोप था कि टेंडर आमंत्रित करने से पूर्व प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी नहीं की गईं। इन्हें टेंडर खोलने के बाद जारी किया गया। लोढ़ा ने बताया था कि पंचायत समिति स्तर पर सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी को उपापन समिति का सदस्य बनाया जाना अनिवार्य था, परंतु उनसे हस्ताक्षर ही नहीं करवाए गए। इसके अलावा फरवरी माह में ग्राम पंचायतों को साफ-सफाई से संबंधित चार रजिस्टर उपलब्ध करवाए गए। किंतु ग्राम विकास अधिकारियों पर जनवरी से ही उनका संधारण करने का दबाव डाला गया।
◆जांच में अनियमितता हुई उजागर
जांच अधिकारी जिला परिषद जालौर के वरिष्ठ लेखाधिकारी दिनेश सारण, अधिशाषी अभियंता कुलवंत कालमा एवं सहायक लेखाधिकारी गोरधनलाल ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया कि पंचायत समिति स्तर से ग्राम पंचायतवार निविदाएं राज्य लोक उपापन पोर्टल पर अपलोड कर युबीएन नंबर प्राप्त किए गए, जबकि यह कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में होना चाहिए था। बोली प्रतिभूति, प्रपत्र शुल्क एवं प्रोसेसिंग फीस पंचायत समिति स्तर पर ली जानी थी, किंतु इन्हें ग्राम पंचायतों के नाम से प्राप्त किया गया। निविदा खोलने, दर अनुमोदन एवं अनुबंध की प्रक्रिया पंचायत समिति स्तर से की जानी थी, किंतु इन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर संपादित किया गया। जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पूरे प्रकरण में प्रक्रियात्मक त्रुटियाँ हुई हैं।
राजस्थान पंचायती राज नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया होनी चाहिए थी, लेकिन यह कार्य पंचायत समिति स्तर से करवाया गया। ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में गठित उपापन कमेटी जिसमें ग्राम विकास अधिकारी तथा पंचायत समिति स्तर के तकनिकी व लेखा कार्मिक सदस्यों की अनिवार्यता होती है। वर्णित टेंडर ग्राम पंचायत स्तर से किए जाने थे, लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार पंचायत समिति स्तर पर किए गए, जिसमें लेखा कार्मिक, तकनीकी अधिकारी एवं विकास अधिकारी की कमेटी के माध्यम से निविदा सम्पादित की गई।
◆दोषियों पर कार्रवाई की मांग
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए भ्रष्टाचार की आशंका जताई है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
