कई लोगों के आशियाने हुए क्षतिग्रस्त, हुआ लाखों का नुकसान।
कोट बालियान (कालूलाल गर्ग)
बाली के निकटवर्ती गांव कोट बालियान में, तेज बारीस से क्षेत्र में बांध, तालाब तथा नदी नाले उफान पर आने से कई घरों में घुसा पानी और कई आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो कई मकान हुए ध्वस्त और हो गया लाखों का नुकसान।
इसे प्रशासनिक लापरवाही कहां जाए या किस्मत का चक्कर,” दोष किसका है, कोई नहीं जानता”
मगर एक बात सच है कि बरसात की चेतावनी हर प्रशासनिक अधिकारी को अपने स्तर पर सरकार ने पहले ही दे दी थी, बावजूद इसके, अधिकारियों ने अपने अपने स्तर पर बचाव के कार्य करने का दावा भी किया था। मगर सब दावे खोखले साबित हुए।
मसलन, खसरा नंबर 762 गैर मुमकिन नाला में जबरदस्त बाढ़ आ गई और नाले का पानी अवरूद्ध हो गया जिससे आवासीय घरों में पानी घुसा और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये, जिससे लाखों का नुकसान हो गया, अधिकारियों ने नदी नालों की सफाई व नदी नालों में पानी की निकासी पर ध्यान नहीं दिया।
राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 762 गैर मुमकिन नाला के नाम से दर्ज है, और माननीय हाईकोर्ट के फैसले “अब्दुल रहमान v/s राजस्थान सरकार” के अनुसार, किसी भी नदी, नाला, तालाब और पोखरों में पानी की निकासी अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए या उसमें किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिये। माननीय हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से विभाग को निर्देशित किया है। यह बात हर ग्राम पंचायत स्तर, तहसील स्तर, कलेक्टर और अन्य राजस्व अधिकारीयों को स्पष्ट रूप से ज्ञात है। मगर अधिकारियों की लापरवाही कहा जाए या अपने निजी आय में वृद्धि के लिए आंखें मूंद लेना समझा जाए, इतने स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद भी अनदेखी कर इसी नाले में ग्राम पंचायत कोट बालियान द्वारा आवासीय पट्टा जारी कर दिया जाता है। शिकायत होने पर भी प्रशासन का ध्यान नहीं जाता है और नुकसान दूसरे लोगों को उठाना पड़ता है। सरपंच के एक ग़लत फैसले से पानी की आवक होने पर घरों में पानी घुस जाता है। ग्रामीणों ने बताया की राजस्व विभाग और इससे संबंधित अधिकारी इस ओर भी ध्यान दें और नाले में दिये गये पट्टे को जल्द से जल्द खारिज करवाने की समुचित कार्रवाई करें।ताकि दोबारा घरों में पानी नहीं घुसे और मकान क्षतिग्रस्त ना हो, तथा जिस किसी सरपंच/ग्राम विकास अधिकारी ने नाले के अंदर पट्टा जारी किया है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे और भविष्य में कोई ग़लत कार्य न हो, इसके लिये प्रसाशन व प्रशासनिक अधिकारी भी सचेत रहें।