जीवाणा । तेजा की बेरी स्थित मदीना मस्जिद में जश्ने-ईद मिलादुनबी पीर सैय्यद ज़ुल्फ़िकार अली शाह जीलानी व पीर सैय्यद वाजिद अली शाह जीलानी की सरपरस्ती में शानों-शौक़त से मनाया गया. बतौर मुकरिर्र खुशुसी मौलाना कमालुद्दीन ने तक़रीर करते हुए कहा कि पैग़म्बर इस्लाम ने सारी ज़िंदगी इंसानियत का पाठ पढ़ाया इसलिए उनकी विलादत को मनाना हमारे लिए अव्वल इबादत हो. मौलाना मोहम्मद रज़वी ने भी तक़रीर करते हुए कहा कि समाज में पैग़म्बर ए इस्लाम की सुन्नतो को आम करने की ज़रूरत है. मौलाना यूसुफ़ ने भी तक़रीर की. दीजपुर बंगाल से आये सना-खना मुस्तफ़ा मौलाना बाबुल रज़ा ने एक से बढ़कर हुज़ूर की शान में नाते पेश की जिनमें
क्या क्या चुमूँ मैं …. हुज़ूर तेरा मदीना चूम लूँ ..। पेश कर आशिक़ाने-रसूल का दिल लूटा . रोनके स्टेज अनेकों उलेमाओं किराम ने तक़रीर एव नाते पेश की. बाद प्रोग्राम लंगर की व्यवस्था की गयी तथा मदीना मस्जिद से दरगाह सैयदा हलीमा बाई जीलानी तक जुलूस निकाला जिसमें बच्चे – बच्चियों, बुजुर्गों और युवाओं ने भाग लिया. दरगाह पर तमाम आशिक़ाने रसूलल्लाह की तरफ़ से अमन- चैन की दुआएँ माँगी. इस मौक़े पर सरपंच प्रतिनिधि नवाब ख़ान, व्याख्याता अकबर ख़ान, मास्टर हिंदू ख़ान, समेत आस -पास के बड़ी संख्या में अक़ीदमत मौजूद रहें।
हुज़ूर के किरदार में इंसानियत वाला इत्र- मौलाना
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