◆चार चिकित्सको के पद रिक्त, केवल नाम मात्र की सीएचसी
सिरोही ।(रमेश टेलर) राज्य सरकार भले ही निःशुल्क दवाओं सहित स्वास्थ्य संबंधी अनेक योजनाएं चला कर आमजन में सुर्खियां बटोर रही हो , लेकिन ये सिर्फ सरकार के दावे थोथे साबित हो रहे है। ऐसे में जावाल नगरपालिका क्षेत्र में पीएससी से सीएससी में कर्मोनत हुए करीब 2 साल से अधिक समय होने के बावजूद मूलभूत सुविधाओं का आज भी टोटा नजर आ रहा हैं। सीएससी का दर्जा होते हुए भी लंबे समय से मात्र एक डॉक्टर के भरोसे अस्पताल चल रहे है।
जब कि जावाल के सीएससी में पाँच चिकित्सक के पद स्वीकृत होने के बावजूद एक मात्र चिकित्सक ही लगा हुआ है । इससे मरीजो को को लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है । या परेशान होकर सिरोही समेत अन्य जगह इलाज के लिए मजबूरन जाना पड़ता है । जबकि इस अस्पताल की प्रतिदिन ओपीडी दो से तीन सौ तकरीबन होती है। गौरतलब अस्पताल कर्मोनत हुए दो साल हो गए है लेकिन अभी तक मरीज कईं चिकित्सा सुविधाओं से वंचित है।
पांच स्वीकृत डाक्टरों में सर्जन ,गाइक्लोजिस्टक मेडिसन, मेडिकल ऑफिसर व सीनियर मेडिकल ऑफिसर पद स्वीकृत है। वही रेडियोग्राफर, गार्ड,डीडीसी हेल्पर, मेल नर्स का पद रिक्त पड़े हुए है । लेकिन विडम्बना यह है कि इतना लंबा समय होने के बाद भी मात्र एक डॉक्टर के भरोसे अस्पताल चल रहा है। चिकित्सालय में 108, परिपूर्ण बेड नही, एक्सरे, बायोकेमेस्ट्री की जांचे , सोनाग्राफी समेत कई ऐसी सुविधा है जो सीएससी बनाने बाद अभी तक नही मिली है । जबकि इस क्षेत्र 108 जैसी सुविधाएं अति आवश्यकता है। जावाल समेत आसपास के दर्जनों ग्रामीणों में अकस्मात होने पर या तो प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा हैं या कालन्द्री या सिरोही से आने वाली 108 का एम्बुलेंस का इंताजरा करना होता है। ऐसे में कुछ भी हो सकता हैं। सुविधाओ के अभाव में जावाल समेत क्षेत्र के ग्रामीणो को आने इलाज के सिरोही या गुजरात का रुख करना पड़ रहा है। ऐसे में जावाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाम मात्र का बन कर रह गया हैं।
◆नाम मात्र की होती है महिलाओं की डिलेवरी
गर्भवति महिलाओ को चिकित्सलय सुविधाओं कमी के चलते सिरोही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाना पड़ता हैं। जिस कारण जावाल चिकित्सालय में नाम मात्र की डिलेवरी करवाई जाती हैं।
चिकित्सालय की समस्याओ को ले कर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार जनप्रतिनिधियों के साथ सम्बंधित उच्च अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। अब कब जावाल के अस्पताल में डॉक्टरों के साथ अन्य सुविधाये उपलब्ध करवाई जाये और कब जनता को राहत मिले।