भाद्राजून/जालोर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भाद्राजून की 108 एम्बुलेंस पिछले 9 दिनों से ठप पड़ी है। जिससे दूरस्थ गांवों के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग के आलाअधिकारियों को सूचना दी। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने विभाग की इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए शीघ्र एम्बुलेंस सेवा सुचारु करने की मांग की है।
]• शीघ्र एम्बुलेंस सेवा सुचारु करने की मांग
भाद्राजून स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की 108 एम्बुलेंस के पहिए एक पखवाड़े से ठप पड़े हैं, जिससे क्षेत्र के भाद्राजून, नोरवा, रामा, भोरडा, किशनगढ़, मोहिवाड़ा, जालोर-जोधपुर मार्ग, देवगढ, सेलडी, जेन दादावाड़ी कुलथाना, निम्बला, जोडचोराय सहित क्षेत्र के कई दूरस्थ गांव के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एम्बुलेंस न मिल पाने के कारण लोग किराये की गाड़ी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं। विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
जानिए क्या मांग है एम्बुलेंसकर्मियों की
एंबुलेंसकर्मी पिछले एक वर्ष से मांग कर रहे हैं कि ठेका प्रथा को समाप्त किया जाए। 108 आपातकाल सेवा शुरू करने से लेकर अब तक लगातार ठेका प्रथा के जरिए कर्मचारियों से काम करवाया जा रहा है। इन एम्बुलेंसकर्मियों की मांग है कि उन्हें संविदाकर्मी कमेटी में शामिल किया जाए। पिछले एक महीने से लगातार सरकार को ज्ञापन देकर मांग की जा रही है। एम्बुलेंसकर्मियों को मजबूर होकर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।
]• घर खर्च ही नहीं चलता, वेतन बढाया जाए
स्थानीय एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारियों का कहना है कि एक निजी कंपनी के जरिए सभी कर्मचारियों को ठेके पर नौकरी पर रखा जाता है। वेतन दिए जाने में मनमर्जी की जाती है। एम्बुलेंसकर्मी ने बताया कि कम सैलरी में घर खर्च ही नहीं चलता। घर से बाहर रहकर काम करना और फिर घरवालों के लिए भी पैसे पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। सरकार की ओर से हमें संविदा कर्मियों में शामिल करने के साथ वेतन बढ़ाना चाहिए।