कठोर मेहनत के बल पर पाया आरएए
–बाबा गांव के राजेन्द्रसिंह को दूसरे एवं पुनाड़िया के रूपसिंह को तीसरी बार मिली सफलता
तखतगढ़ (पाली)। कहते है कि कठोर मेहनत का परिणाम सुखद रहता है। ये पंक्तिया बाबा गांव एवं पुनाड़िया के आरएएस में दो नव चयनीत परिक्षार्थियों के लिए लागू हो रही है। बाबा गांव निवासी राजेन्द्रसिंह को99वीं रेंक मिली है। जबकि रूपसिंह को 600वीं रेंक।
राजेन्द्रसिंह का परिचय– सुमेरपुर उपखंड के बाबा गांव निवासी राजेन्द्रसिंह की कहानी काफी संघर्श भरी है। सरकारी सेवाओं के दौरान पिता सोहनसिंह का निधन हो गया। 2010 में उनकों अनुकंपा सेवाओं के रूप में जोधपुर में प्रयोगशाला कृषि विभाग में सेवाएं मिली।उनके बाद उन्होन स्नातक किया। लोक प्रषासन में बतौर गोल्ड मेडल मिला।दूसरे प्रयास में उनको 2021 के आरएएस में 99वीं रेंक मिली है। शादी सुदी राजेन्द्रसिंह 2017 में प्रमोशन के बाद सिरोही में कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर सेवारत है। दो बच्चे के पिता है।एक बहन की शादी हो चुकी है।जीवनसाथी गृहणी है। वर्ष2018 में आरएएस की परिक्षा दी थी।लेकिन, वे असफल रहे। 2021 में फिर कठोर मेहनत के बाद जारी परिणाम में सफलता मिली है। राजेन्द्रसिंह के आरएएस उत्तीर्ण होने की खबर पाकर गांव में खुषी का माहौल है।
रूपसिंह को तीसरी बार मिली सफलता-तीन भाइयों एवं दो बहनों में चौथे नबंर एवं पुनाड़िया निवासी रूपसिंह को आखिरकार आरएएस में तीसरी बार सफलता मिली है। मां जतनादेवी एवं पिता भंवरसिंह कृषि परिवार से है। दो भाई भारतसिंहं एवं मुकेश सिंह दिशावर में प्राईवेट नौकरी कर रहे है। बहनों की शादी होने के बाद ससुराल में रहती है। सबसे छोटे भाई नागराज, जो चांचैडा में पटवारी के पद पर सेवारत है।भाई नागराज ने भी आरएएस दिया।लेकिन, वे असफल रहे।रूपसिंह ने बताया कि प्राथमिक षिक्षा गांव मेंहुई।जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षा रानीगांव में हुई। पुनाड़िया निवासी नारायणसिंह के पुलिस अधिकारी को देखकर आरएएस करने की ठानी। 2016 व 2018 में आरएएस में तैयारी नही हो पाई। ऐसे में 2021 में उन्होने परीक्षा उत्तीर्ण की। एक साल तक दिल्ली में आईएएस की तैयारी की। जबकि आरएएस को फोकस रखा।