Monday, December 23, 2024
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एंटी टैंक मिसाइल ‘नाग’ का अपडेट वर्जन का सफल प्रशिक्षण

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पलक झपकते ही दुश्मनों के ठिकानों को कर देगा नेस्तेनाबूत 
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जैसलमेर । राजस्थान यानी देश की पश्चिमी सरहद पर भारत के जाबाज जवान लगातार दुश्मनों को दिल दहला देने वाले संदेश दे रहे हैं। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से लगते जैसलमेर में पहले ही BSF और आर्मी के प्रशिक्षण इसके बाद वायु शक्ति युद्धाभ्यास की तैयारी और लड़ाकू विमान की आवाजाही ने दुश्मनों के पैरों तले जमीन खिसका दी है. वहीं अब आर्मी के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सेना के पराक्रम  और अत्याधुनिक हथियारों के परीक्षण की गूंज सुनाई दे रही है. जबकि भारतीय सेना ने एंटी टैंक गाइडेन मिसाइल ‘नाग’ के अपडेट वर्जन का भी परीक्षण किया है। नाग के अपडेट वर्जन का परीक्षण सफल रहा।

बता दे कि एंटी टैंक मिसाइल ‘नाग’ का अपडेट वर्जन इतना खतरनाक है कि यह पलक झपकते ही दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तेनाबूत करने की क्षमता रखता है।

 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से वार करता है ‘ नाग ‘

भारतीय सेना ने इन दिनों पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में नाग मिसाइल का सफल प्रदर्शन और परीक्षण जोरों से किया जा रहा है. वहीं इसकी क्षमता और सटीकता को भी जांचा परखा गया है. जानकारी के अनुसार भारतीय सेना की शाहबाज डिवीजन की एंटी टैंक मिसाइल टुकड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए नाग मिसाइल का अभ्यास भी किया है. धरती से धरती पर मार करने वाली इस मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों को पलक छपकते ही सटीक निशाना लगाकऱ नेस्तेनाबूत किया जा सकता है. पांच किलोमीटर तक जमीन से जमीन पर मारक क्षमता वाली नाग मिसाइल 3 से 7 किमी दूर खड़े दुश्मन को 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से नष्ट करने के लिए कारगर है.

कई बार हो चुका है मिसाइल ” नाग ” अपडेट वर्जन का परीक्षण

डिफेन्स सोर्सज के अनुसार इंडियन आर्मी एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास कर अपने युद्ध कौशल और मारक क्षमता का परीक्षण करने के साथ साथ युद्ध के हालातों के दौरान की जाने वाली गतिविधियों व दुश्मन के ठिकानों में घुसकर उन्हें नेस्तेनाबूत करने का भी अभ्यास कर रही है. इस अभ्यास में भारतीय सेना बमों और मिसाइलों के साथ ही विभिन्न प्रकार की तोपों, टैंकों और अन्य हथियारों की मारक क्षमता का भी लगातार परीक्षण कर रही है. इसी कड़ी में सेना ने उन्नत संस्करण वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल परीक्षण किया. यह जमीन से जमीन पर दागी जाने वाली तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है. समय समय पर इस मिसाइल को एडवांस टक्नॉलेजी से लेस बनाया जा रहा है. जिसके चलते इसका परीक्षण किया जाता रहा है. गत साल 2017, 2018, 2019, 2020 और 2023 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों के परीक्षण किए जा चुके हैं और इनमें से लगभग सभी परीक्षण सफल भी हुए हैं. इसकी खासियत है कि यह मिसाइल वजन में काफी हल्की होने के बावजूद दुश्मन को टैंक या अन्य सैन्य वाहनों के साथ कुछ ही सेकंड में नेस्तनाबूद कर सकती है।मिसाइल नाग का सफल प्रशिक्षण चल रहा हैं।

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