◆माँ ब्राह्मणी भक्तो का जत्था चित्तौड़ रवाना, भैसवाड़ा मठ से चित्तौड़गढ़ 8 दिन की यात्रा
आहोर । निकटवर्ती भैंसवाड़ा गांव से चितौड़गढ़ स्थित बाण माता मंदिर के दर्शनार्थ माली समाज के युवकों का पैदल संघ सोमवार को रवाना हुआ,
हुआ। पहले स्थानीय लखमीदास मंदिर में बुधवार अल सुबह माली समाज के लोगों ने पूजा-अर्चना की वही माधोपुरा में निवासरत लोगो ने अपने अपने घरो में माँ ब्राह्मणी को नमन कर इस यात्रा की कड़ी में सभी माधोपुरा सांवलियाजी मंदिर पहुंचे साथ ही भैसवाड़ा से भक्त संघ के साथ रवाना होकर माधोपुरा पहुंचे इस दौरान पैदल यात्रा संघ में शामिल यात्रियों का समाजबंधुओं व ग्रामीणों की ओर से माला पहनाकर स्वागत किया गया। मिली जानकारी के अनुसार यह छठवीं यात्रा है जो अगले 8 दिनों में चित्तौड़गढ़ पहुंचेगी, माँ ब्राह्मणी के जयकारों व गाजे- बाजे के साथ माधोपुरा से यह चित्तौडगढ़ के लिए रवाना हुआ। युवाओं ने ढोल की थाप व थाली की झनकार पर नृत्य किया वहीं महिलाओं ने मंगल गीतों का गान किया। श्री बाण माता जी (श्री ब्रह्माणी माताजी, श्री बायण माताजी, श्री बाणेश्वरी माताजी) मेवाड के सूर्यवंशी, सिसोदिया,राणावत,गहलोत, चुण्डावत, शक्तावत , [गुहिल] राजवंश की कुलदेवी है। बाण माता जी को सैनिक क्षत्रिय समाज के गहलोत गौत्र के भी अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं। इस दौरान संघ में बाबूलाल, नरपत, अशोक गहलोत, मगन माली, सावलाराम, शंकरलाल, प्रवीण माली, हेमंत माली जगदीश गहलोत, कमलेशम जनक माली, कमलेश, अशोक, सुशील, जीतू, नाती देवी, हंजा देवी, सहित गहलोत परिवार माधोपुरा भैसवाड़ा के लोग सम्मिलित हुए।