◆क़रीब दर्जन भर गांवों के ग्रामीण पहुंचें कलेक्ट्री
●बजरी खनन को जल्द रोकने हेतु जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
सिरोही – (रमेश टेलर)सिरोही जिला मुख्यालय से महज 16 किलोमीटर दूर बहने वाली कृष्णावती नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया हैं । इसके साथ ही इस नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांवों के कृषि कुएं और यहां के किसान तबाह होने की कगार पर हैं । और इसकी मुख्य वजह हैं इस नदी में बड़े पैमाने पर दिन रात बजरी खनन हो रहा है । नदी से बजरी निकालने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को लगभग ताक पर रख कर खनन किया जा रहा है। पर जिला प्रशासन और खनन विभाग पुरे मामले पर मौन साधे हुए मूकदर्शक बने बैठे हैं । जिससे सिरोही जिले के कई गांवों के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है।
अक्रोशित ग्रामीणों ने आज अपने अपने गांवों के सरपंचो को साथ लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं। ज्ञापन सौंपकर ग्रामीणों जिला कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि इस नदी में हो रहे बजरी खनन को जल्द नहीं रोका गया तो सब कुछ तबाह हो जाएगा । लोगों के सामने पेयजल की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाएगी और खेती किसानी चौपट हो जाएगी । ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर हो रहे इस खनन को रोकने हेतु कलेक्टर से गुहार लगाई हैं । साथ ही कहा कि यदि इस खनन को नही रोका गया तो जन आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.। इस दौरान ग्रामीणों के साथ आए सरपंच गणों ने बताया कि पिछले कई महीनों से नदी में पॉकलेण्ड मशीनों और जेसीबी की सहायता से बजरी खनन करके बड़े बड़े ट्रक और डंपर भरकर बजरी का परिवहन किया जा रहा हैं । जिससे ग्रामीण इलाकों की सड़कें भी पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं । प्रतिदिन भारी वाहनों के आवागमन के कारण हल्की और मध्यम दर्जे की सड़क वजन सहन नहीं कर पाती, जिससे गांवों में आवागमन भी कष्टदायक हो गया हैं। ज्ञापन देने आए ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी ने जल्द ही कार्यवाही करने की बात कही ।