Saturday, April 26, 2025
Homeदेश विदेशविश्व जल दिवस 2025 पर अदाणी फाउंडेशन ने जल संरक्षण के प्रति...

विश्व जल दिवस 2025 पर अदाणी फाउंडेशन ने जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -

◆ अदाणी फाउंडेशन की जल संरक्षण परियोजनाओं ने स्थानीय जल उपलब्धता को बढ़ाया

जैसलमेर/जयपुर । अदाणी फाउंडेशन विश्व जल दिवस 2025 के अवसर पर जल संरक्षण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराता है। इस वर्ष की थीम “ग्लेशियर संरक्षण” है, जो इस बात पर बल देती है कि ग्लेशियरों का संरक्षण जल सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ग्लेशियर पृथ्वी के मीठे जल का सबसे बड़ा स्रोत हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण ये तेजी से पिघल रहे हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव नदियों के प्रवाह और जल स्रोतों की स्थिरता पर पड़ रहा है, जिससे जल संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में जल संरक्षण के स्थानीय प्रयास वैश्विक जल सुरक्षा को सुदृढ़ बना सकते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम कर सकते हैं।


जल संरक्षण अदाणी फाउंडेशन का एक प्रमुख कार्यक्रम है और अदाणी फाउंडेशन की चेयरमैन श्रीमती (डॉ.) प्रीति अदाणी जी इस कार्यक्रम को पूरी गंभीरता से लागू करवा रही हैं। अदाणी फाउंडेशन ने राजस्थान के जल-संकटग्रस्त जिलों, विशेषकर बाड़मेर और जैसलमेर में जल संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं। वर्ष 2022-23 से समुदाय के साथ मिलकर तालाबों के पुनरुद्धार का कार्य शुरू किया गया है। इन प्रयासों के तहत कुल 51 गांवों के 53 तालाबों में जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाकर 3.8 लाख घन मीटर से अधिक किया गया है।
राजस्थान जैसे शुष्क और जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में जल संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां के लोगों और जानवरों के लिए जल की उपलब्धता जीवनदायिनी है। जल संकट के कारण न केवल मानव जीवन प्रभावित होता है, बल्कि पशु-पक्षियों और वन्यजीवों के लिए भी यह एक गंभीर चुनौती है। अदाणी फाउंडेशन के प्रयासों ने न केवल स्थानीय जल उपलब्धता पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, बल्कि जैव विविधता को भी बढ़ावा मिला है। साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।

स्थानीय जल स्रोतों का संरक्षण और पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार राजस्थान जैसे क्षेत्रों में जल सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम हैं। इन प्रयासों से न केवल जल संकट को कम किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय समुदायों और वन्यजीवों के जीवन को भी सुरक्षित किया जा सकता है।

- Advertisement -
अन्य खबरे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

यह भी पढ़े

04:21