जोधपुर – राजस्थान उच्च न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष दायर जनहित याचिका में प्रार्थी बलवंत राव पुत्र छगन लाल राव के द्वारा जरिये अधिवक्ता गिरीश सांखला पेश करते हुए यह तर्क दिया गया कि जालोर मेडिकल कॉलेज खोलने बाबत राजस्थान सरकार ने बजट 2023-2024 में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा बजट भाषण में दिनांक 10.02.2023 को की गई थी कि युनिवर्सल हैल्थ केयर योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ साथ पूरे प्रदेश में चिकित्सा के आधार भूत ढांचे को अत्यधिक सुदृढ किया हैं आज प्रदेश के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं मात्र तीन जिलों-प्रतापगढ, जालोर एवं राजसमंद में ही सरकारी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नही हैं। इन जिलों के लिये हमारे बार बार आग्रह करने पर भी केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई। अब मैं, इन तीन जिलों में राज्य के खर्चे से मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा करता हूँ इस पर लगभग 1000 करोड रूपये का व्यय होगा। इस बजट घोषणा के तहत राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने बाबत ग्राम लेटा तहसील जालोर में जिला चिकित्सालय जालोर को मेडिकल कॉलेज में क्रमोन्नत करने हेतु राजस्थान भू राजस्व (स्कूलों, कॉलेजों, औषधालयों एवं सार्वजनिक उपयोग के अन्य भवनों हेतु राजकीय भूमि का आवंटन) नियम 1963 के तहत निर्धारित शर्तो के तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग, राजस्थान को निःशुल्क भूमि आवंटन राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2019 में ही कर दी गई थी। इसके तहत ही राज्य सरकार ने जिला अस्पताल / स्वीकृति शैययाओं की संख्या 350 निर्धारित की गई। राज्य सरकार के द्वारा दिनांक 04.03.2023 को प्रशासनिक एवं वित्तिय स्वीकृति कुल 350.00 करोड रूपया व्यय किये जाने की वित्त विभाग द्वारा प्रदत्त सहमति के अनुसरण में प्रशासनिक एवं वित्तिय स्वीकृति प्रदान की गयी थी। राज्य सरकार के द्वारा कार्य आदेश भी मैसर्स एसकेएस कृष्णा इंफा प्रोजेक्ट प्राईवेट लिमिटेड को तत्समय ही जारी कर दिया था उक्त कार्य करने वाली कम्पनी के द्वारा कार्य आरम्भ भी कर दिया गया था। परन्तु दिनांक 18.12.2024 को राज्य सरकार के परियोजना निर्देशक आरएसआरडीसी लिमिटेड युनिट पाली ने मुख्यालय से निर्देशानुसार कार्य को रोक लिया गया। दिनांक 10.01.2025 को राज्य सरकार के द्वारा वर्क आर्डर का प्रत्याहरण कर लिया गया। उक्त कार्य करने वाली कम्पनी के द्वारा राज्य सरकार पर 6.04 करोड हर्जे का दावा भी किया गया हैं। उक्त मेडिकल कॉलेज जालोर की स्थापना का शिलान्यास दिनांक 05.10.2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा किये जाने के बावजूद भी वर्तमान में कार्य रूका हुआ
हैं। उक्त कार्य करने वाली कम्पनी समय पर टेण्डर जारी होने के बाद एग्रीमेन्ट / कार्य आदेश के अनुसार बैंक गारन्टी भी प्रस्तुत की गयी थी जिसका नवीनीकरण भी उक्त कम्पनी के द्वारा करवाया गया था। इस प्रकार उक्त कम्पनी के द्वारा कार्य आदेश निरस्त / वापस लेने के कारण कोन्ट्रेक्टर के द्वारा क्षतिपूर्ति का दावा भी किया हुआ हैं। इस संदर्भ में राज्य सरकार से सूचना प्राप्त करने पर पुखराज पाराशर, मानपुरा कॉलोनी, जालोर को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह सूचना भी उपलब्ध करवायी गयी कि कार्यादेश निरस्त के बाद अब मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु भविष्य में क्या योजना हैं यह राज्य सरकार एवं मुख्यालय से संबंधित होने के कारण उक्त सूचना उपलब्ध नहीं करवायी जा सकती। इस प्रकार उक्त जनहित याचिका में प्रार्थी जालोर निवासी बलवंत राव ने अपने अपने अधिवक्ता के जरिये जाननीय खण्डपीठ उच्च न्यायालय में यह दिया कि राज्य सरकार का उक्त कृत्य न केवल जालोर जिले की जनता के विकास के विरूद्ध हैं बल्कि राज्य सरकार को भारी रेवेन्यू का नुकसान भी हुआ हैं। समस्त जिलों में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद जालोर में मेडिकल शिक्षा का अभाव एवं वंचित रखना कदापी उचित नहीं हैं। जब राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2023 में ही बजट में घोषणा कर दी थी तथा वित्तिय स्वीकृति एवं टेण्डर जारी हो चुका था, कार्यादेश जारी हो चुका था तथा भूमि का आवंटन भी हो चुका हैं कार्य शुरू हो चुका तो उक्त जनहित का प्रोजेक्ट राज्य सरकार के द्वारा अब रोके जाने का कृत्य स्पष्टतः मनमाना तथा अनुचित हैं।
उक्त जनहित याचिका में फोर्ट रोड वाया झरनेश्वर महादेव मंदिर के लिये स्वीकृत राशि 27.00 करोड रूपया का मुद्दा भी लिया गया है।
माननीय न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर एवं माननीय न्यायमूर्ति संदीप शाह ने प्रकरण को प्रथम दृष्टया ही सुनने के पश्चात राज्य सरकार एवं संबंधित प्राधिकारियों से जबाव तलब किया हैं। इस जनहित याचिका से जालोर जिलें में पुनः आशा की किरण जगी हैं। उम्मीद हैं राज्य सरकार उक्त जनहित याचिका में उठाये गये मुद्दे पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जालोर जिलें की जनता के हित में कदम उठायेगी।
◆ये दी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केन्द्र से सहयोग नहीं मिलने के बावजूद राज्य के खर्चे से जालोर में मेडीकल कोलेज एवं जालोर को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से पर्यटक स्थान विकसीत कराने के उद्देश्य से जालोर दुर्ग पर सडक निर्माण का कार्य शुरू करवाया था। भाजपा सरकार आने के बाद दुर्भाग्यवश इन महत्वपूर्ण विकास कार्यो को रोक दिया गया। कांग्रेस पार्टी द्वारा सरकार से इन कार्यों को शुरू करने हेंतु बार बार मांग की जाती रही हैं। मगर सरकार बहाने बाजी कर इनक कार्यों को रोकना चाह रही हैं जों कि दिख रहा हैं। ऐसा कभी नहीं हुआ कि सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शुरू हुए कार्यो को रोका गया हो। जालोर के लिए खुशी की बात हैं कि एक समाजसेवी बलवंत राव द्वारा इनक कार्यों को शुरू करवाने हेतु उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज की हैं। माननीय उच्च न्यायालय ने जालोर के हित में संज्ञान लिया हैं हम आशा करतें हैं कि राज्य सरकार को कार्य शुरू करवाने हेतु निर्देशित करेगी – पुखराज पाराशर ,पूर्व अध्यक्ष
,राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति
भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा स्वीकृत एवं शुरू किये गये विकास कार्यों को तकनीकी खामीयों के बहाने रोकने को लेकर स्थानीय जन एवं विपक्षी दल सरकार से बार बार मांग कर रहे हैं कि जनहित में जालोर के विकास में चार चांद लगाने वाले प्रोजेक्ट को शुरू किये जाये। मगर सरकार की नियत इन सभी कार्यो को बंद कराने की हैं। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा जालोर में मेडीकल कोलेज एवं जालोर दुर्ग पर सडक निर्माण कार्य स्वीकृत किये थे। मेडीकल कोलेज का शिलान्यास दिनांक 05.10.2023 को हुआ। इसी तरह जालोर दुर्ग 5.45 किलोमीटर सडक निर्माण का शिलान्यास भी दिनांक 3 जून 2023 को तत्कालिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एवं इस कार्य की शुरूआत 05.10.2023 को जलन्धरनाथ पीठ के गंगानाथजी महाराज के हाथो की गई।
जालोर के जनहित को देखते हुए समाज सेवी एवं एडवोकेट बलवंत राव निवासी जालोर ने मेडीकल कोलेज एवं जालोर दुर्ग की सडक को शुरू करवाने को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत की हैं। उन्होने याचिका में सभी तथ्यो को बताते हुए जनहित में कार्य शुरू करवाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का निवेदन किया हैं। माननीय उच्च न्यायालय ने सज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटीस जारी किया हैं।
इन दोनों महत्वपूर्ण कार्यों का जालोर के विकास में बडा महत्व हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में इन दोनो कार्यों के अलावा सम्पूर्ण जिले में अनैकोनेक विकास कार्यों की सौगाते दी थी। भाजपा सरकार द्वारा मेडीकल कोलेज के टेण्डर को निरस्त करने एवं जालोर दुर्ग की सडक को तकनीकी खामी बताते हुए रोक दिया। जबकि सब जानते हैं सम्पूर्ण प्रक्रिया नियमानुसार होने के बाद ही कोई मुख्यमंत्री उसका शिलान्यास करता हैं।