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ब्रह्माकुमारी भावना बहन जामनगर के कालावड शीतला से तो ब्रह्माकुमारी शोभा बहन नागपुर की है निवासी
-केट काटकर की दीर्घायु की कामना
तखतगढ़ (पाली)। तखतगढ़ में दो दशकों से आध्यात्मिक जीवन से क्षेत्रवासियों के मन को शांति दिलाने वाली दो बहनों के गुरूवार को 32वर्ष पूर्ण होने पर नगरवासियों ने शाॅॅल ओढ़ाकर बहुमान किया। इस मौके पर नगरवासियों ने दोनों बहनों के आध्यात्मिक जीवन के 33वें वर्ष में प्रवेश पर शुभकानाएं दी। दोनों बहनों के हौसलें एवं कर गुजरने की तमन्ना के साथ नगर में 2018 में दिव्यप्रकाश भवन भी बनवाकर सौगात दी है। मजेदार बात तो यह है कि ब्रह्माकुमारी भावना बहन की बहन एवं शोभा बहन के भाई भी ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े हुए है।
–ब्रह्माकुमारी भावना बहन का परिचय- गुजरात प्रांत के जामनगर जिले के कालावड शीतला तालुका में एक जून 1971 को माता उजीबेन व पिता डायाभाई की कोख से छह बहनों एवं एक भाई में सबसे छोटी संतान है। उन्होने कालाविद शितला में कक्षा 10वीं तक पढ़ाई की। शुरू से देशभक्ति एवं शांति के जीवन को देखकर 1987 में बड़ी बहन कविता दीदी के सम्पर्क में आई। उनकी बहन में ऐसे ही भाव दिखे। उन्होने खुशहाली एवं शांति के लिए 1991 में आबू में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जुड़ाव लेकर प्रशिक्षण लिया। 1992 में वे ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की दिल्ली एवं गाजीबाद शाखा में सेवाएं देने पहुंची। जहां स्वास्थ्य की उचित हालात को देखकर राजस्थान की तरफ मन बना लिया। उसके बाद 1993 में वे जालोर की शाखा में ब्रह्माकुमारी मोहिनी दीदी के साथ में जुड़ी। वहां से 1997 में तखतगढ़ शाखा का शुभारंभ किया। उनकी बड़ी बहन कविता दीदी सोजत में जुड़ी हुई है।
– 2004 से सेवा दे रही शोभा बहन- महाराष्ट प्रांत के नागपुर जिले के भंडारा में पिता तुकाराम नाने एवं माता चंद्रा भागा के दांपत्य जीवन में सात बहन भाइयों में सबसे छोटी है। 24जुलाई 1972 को जन्मी शोभा बहन ने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण की। 1991 में प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वे जयपुर शाखा में जुड़ी। 1999 में जालोर में आई। 2001 में उनकों तखतगढ़ शाखा में सेवाएं देने के लिए भेजा। उनका कहना है कि चहुंओर मन में अशांति एवं नाकारात्मक सोच में बदलाव को लेकर आध्यात्मिकता से जुड़ने से जीवन खुशहाल बन जाता है।
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