सांसद ने जवाई नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र
शिवसेना ने बताई किसानों के साथ ओधी राजनीति
कुदरत का श्रेय सांसद लेना चाहते हैं – शिवसेना
जालोर। (छगन रैडशाह)जवाई बांध का गेज निरंतर बढ़ रहा है । जवाई के पानी को लेकर सियासी घमासान भी बढ़ गया है सिरोही विधायक संयम लोढ़ा शिवगंज सिरोही को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं। तो पाली सांसद कह रहे हैं जवाई के पानी का हक पहले पाली का है। इधर जालोर सिरोही सांसद देवजी एक पटेल ने मुख्यमंत्री को 50 फीट जवाई बांध भरने के बाद पानी छोडने को लेकर पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा है । जिसको लेकर शिवसेना के जालोर जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित ने कहा की – सांसद का पत्र एक बहती हुई गंगा में हाथ धोने जैसा है। जवाई बांध पिछले साल भी 60 फीट भरा था, लेकिन तब जवाई नदी में पानी छोडने की मांग सांसद ने नहीं उठाई। सिरोही के जवाई की सहायक सुकडी नदी पर जोयला में 5 फीट का ऐनीकेट बन रहा था, तब जालोर के किसान जोयला ऐनीकेट का विरोध कर रहे थे, लेकिन सांसद महोदय ने चुप रहना सही समझा । वो इसलिए की जोयला ऐनीकेट का विरोध करूंगा तो सिरोही की जनता नाराज हो जायेगी इसे कहते है दोहरा रवैया । पिछले 6 महिने से जालोर के किसान जवाई डेम में जालोर का हिस्सा तय हो, इसलिए किसान जिला कलेक्टर के बाहर धरना दे रहे थे तभी भी सांसद महोदय चुप रहे ,सांसद महोदय के 15 साल के कार्यकाल में उनके पार्टी की 2 बार सरकार बनी ,फिर भी सांसद ने जवाई डेम में जालोर का हिस्सा तय नहीं करवा सके । जबकि जालोर जिले से 5 सीट में से लगातार 4 विधायक जीतकर आते हुए भी जालोर जिले का जवाई के पानी पर जालोर का हक तय नहीं करवा सके। वर्तमान में जवाई डेम 50 फीट पानी की आवक हो चुकी है व वर्तमान में बारिश के 3 महिने अभी बाकी है तो जवाई डेम के गेट 4-5 दिन में खुलने की पुरी संभावना है क्योंकि इस साल कुदरत जालोर में मेहरबान होने के कारण जवाई कमांड ऐरिया व जालोर में रिकोर्ड तोड बारिश होने के कारण राजस्थान सरकार भी 55 फीट भरने के बाद कभी भी जवाई बांध के गेट खोल सकती है। शिवसेना का कहना है कि कुदरत का श्रेय सांसद साहब लेने की फिराक में है। ऐसी ओधी राजनीति करना यानि किसान के साथ खिलवाड करने जैसा है। जवाई डेम के पानी पर जालोर का हिस्सा तय करने का कार्य सांसद साहब करेगे ,तो शिवसेना जालोर किसान के हित हेतु आपसी विरोध भुलाकर आपका सर्मथन करेगी। जवाई पुनःभरण योजना में भी जालोर को कितना पानी मिलेगा यह तय नहीं किया गया है। उसके लिए सांसद साहब ने संसद में एक बार भी आवाज नहीं उठाई।