Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिजालौर लोक सभा क्षेत्र में नेशनल हाईवे से जोड़ने को लेकर सांसद...

जालौर लोक सभा क्षेत्र में नेशनल हाईवे से जोड़ने को लेकर सांसद चौधरी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की मुलाकात

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -

सिरोही – रमेश टेलर। जालौर सिरोही सांचौर सांसद लुमाराम चौधरी ने बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान चौधरी ने गुलाबगंज से माउंटआबू के लिए 23 कि०मी० लम्बी संडक का निमार्ण, झेरडा मंडार-रेवदर सिरोही का राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करवाना,जालोर जिला मुख्यालय को सिरोही जिला मुख्यालय से नेशनल हाईवे से जोडने को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की।
सांसद लुंबाराम चौधरी ने पत्र में बताया कि संसदीय क्षेत्र के सिरोही जिले का मंडार-सिरोही स्टेट हाईवे अतिमहत्त्वपूर्ण है। जो गुजरात प्रदेश के डीसा धानेरा राष्ट्रीय राज्यमार्ग-168ए झेरडा से सिरोही राज्यमार्ग बाया मंडार, रेवदर होते हुए, यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग-62 से मिल जाता है। इस मार्ग पर मंडार और रेवदर दो घनी आबादी वाले शहर है। इन शहरों के पास दिन में ट्रेफिक जाम हो जाता है अतः यहीं रेवदर और मंडार शहर के पास बाईपास की आवश्यकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली अधिसूचना 5 सितम्बर, 2014 के तहत यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-168 में प्रस्तावित है। जिसकी संविधा अवधि अक्टूबर 2022 को समाप्त हो गई है।
झेरडा मंडार-सिरोही का राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करवाया जाए।राजस्थान के एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू आने जाने हेतु वर्तमान में एक ही सडक मार्ग हैं, जो कि आबूरोड से माउण्ट आबू जाता है। इस पहाडी मार्ग पर दुर्घटना होने व वर्षा ऋतु में चट्टाने खिसकने से सड़क पर आवागमन बंद हो जाता है और माउन्ट आबू का सड़क सम्पर्क टूट जाता है। आबूरोड से माउण्ट आबू सड़क मार्ग पहाडी क्षेत्र होने से सड़क का चौड़ीकरण भी संभव नहीं है। इसकं लिए एक मात्र वैकल्पिक मार्ग माउंट
आबू से गुलाबगंज सड़क है, जो आज से 30 वर्ष पूर्व अकाल राहत योजना में ग्रेवल सड़क सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित करवाया गया था. जिसको आज भी देखा जा सकता है। इससे पर्यटको को आने जाने में सुविधा रहेगी।
लोकसभा क्षेत्र में सिरोही, जालोर, सांचौर से जुड़ा
हुआ है तथा यह तीनों जिले आपस में सामरिक महत्व के होने के उपरांत भी नेशनल हाईवे से जुड़े हुए नहीं है। इन जिलों में ग्रेनाईट की काफी माइंस होने से यहां से बड़ी तादाद में भारी वाहनों से ग्रेनाईट का परिवहन देशभर में होता है। इसी के साथ इसी सड़क से बाड़मेर से जिप्सम का परिवहन सिरोही व उदयपुर के आस पास की सीमेट फैक्ट्रीयों में रोजाना होता है।
उपरोक्त सडक नेशनल हाईवे बनने से सिरोही जिले के एन.एच 62 व जालोर जिला मुख्यालय से गुजरने वाले एन.एच 325 ये जोड़ेगा। सिरोही जालौर सडका की दूरी मात्र 74 कि.मी. है एवं सिरोही से जालोर तक सडक मार्ग 02 लेन में बना हुआ हैं। जालोर सिरोही दोनों जिले धार्मिक एवं पर्यटन क्षेत्र से जुड़े होने से यहां पर देशभर से लोग बड़ी तादाद में सुधा माताजी, श्री सरे मंदिर, योगीराज श्री शांतिशूरी जी मंदिर, माण्डौली, 72 जिनालय भीनमाल,
आपेश्वर महादेव मंदिर रामसीन् जालोर फोर्ट, जहाज मंदिर माण्डवला, श्री सारणेश्वर महादेव मंदिर सिरोही के साथ साथ अनेक प्राचीन धार्मिक स्थलों पर आते जाते है। जालोर जिला मुख्यालय और सिरोही जिला मुख्यालय को नेशनल हाईवे से जोड़ा जाए।

- Advertisement -
अन्य खबरे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

यह भी पढ़े