तखतगढ 23 मई ;(खीमाराम मेवाडा) 3 दिन पूर्व विधाधर नगर स्टेडियम जयपुर में आयोजित हुई कुमावत महा पंचायत को लेकर किसी ने अनुमान नहीं लगाया था। की इतनी भारी भीड़ जुटेगी, खचाखच भरा विधाधर नगर स्टेडियम उससे दोगुनी संख्या में सड़कों पर विधाधर नगर पहुँचने वाली सभी सडके जाम, चिलचिलाती धूप के बावजूद लाखो लोग शांति पुर्ण ढंग से अपनी मांगो को लेकर 5 घंटे तक अपनी मांगो को लेकर भरते रहे हूंकार
पिछले 45 दिनो से दिन रात राजस्थान भर के गाँव गाँव शहर शहर में चुपचाप बिना किसी भनक के अपने लोगों के बीच अब तक समाज की उपेक्षा को लेकर समाज बंधुओं को संगठित करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पहली बार मिला इस समाज को बैसला की तरह काम करने वाला मिला ताराचंद सिरोहिया जिन्होंने राजनैतिक रूप से पिछड़े उपेक्षित कुमावत समाज को संगठित कर लाखो की भीड़ को जयपुर में लाकर बता दिया कि कुमावत समाज अब जाग गया। यह इन्ही के मज़बूत इरादों का परिणाम है। अखिल भारतीय कुमार कुमावत महासभा के वरिष्ठ नेता सत्य प्रकाश कुमावत ने बताया कि ताराचंद सिरोहिया द्वारा महा पंचायत के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर 9 अप्रैल को निकल पडा राजस्थान भर में ओर जगा दिया सोये समाज को ओर चेता दिया राजनैतिक दलों को राजस्थान में कुमावत समाज की आबादी 5 प्रतिशत से अधिक है। 15 विधानसभा क्षेत्र झोटवाडा, फूलेरा, दाता रामगढ़, नावा, केकडी, चौमू, गंगापुर सराड़ा, राज समंद, निम्बाहेड़ा, जैतारण, सुमेरपुर, पचपदरा. सुरतगढ, भादरा कोलायत, गंगानगर,सिरोही जहा 25 हज़ार से 75 हज़ार मतदाता हैं। 65 ऐसी विधानसभा क्षेत्र है। जहां यह समाज 10 हज़ार से 25 हज़ार मतदाता हैं। जो किसी की भी गणित बिगाड सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक एक सर्वमान्य लीडर की कमी के कारण ओर राजनैतिक चेतना की कमी के चलते इस समाज को राजनैतिक दल इस समाज को उपेक्षित रखते रहे हैं। किंतु इस महा पंचायत से एक नायक का उदय हुआ है। जिसके दम पर राजनैतिक चेतना का संचार हुआ है। जिसकी गूंज आने वाले विधानसभा चुनावों में सुनाई देगी जो दल अब तक कुमावत समाज की ताक़त को कम आक रहे थे उनको इस बार परिणाम भूगतना पडेगा। और आगमी 8 माह में समाज की बाहुल्य सीटों पर महा पंचायत की तर्ज़ पर पंचायते आयोजित कर दिखायेगा ताकत महा पंचायत में शामिल प्रत्येक जिले से आये समाज बंधुओं मे इसको लेकर चर्चा व्याप्त थी। जो आने वाले दिनों में दिखाई देगी। राजस्थान की राजधानी में पिछले दिनों आयोजित पंचायतें राजनैतिक रूप से ताकतवर समाजो के द्वारा आयोजित थी किंतु कुमावत समाज की आज़ादी के बाद पहली बार आयोजित महा पंचायत मे जुटी लाखो की भीड़ आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों व विश्लेषकों को अचंभित कर दिया। जिसके परिणाम आनेवाले विधानसभा चुनावों में स्पष्ट दिखाई देते नजर आ रहे हैं।
फोटो दोनों फाइल फोटो