◆ नेशनल हाईवें का तकनीकी अधिकारियो ने किया अवलोकन
◆ बरसाती जल आवक को देखते हाईवे 325 को ऊपर उठाने का लिया प्रस्ताव
पाली । तखतगढ़ कस्बे में बीते वर्ष बिपरजॉय तूफान के बाद अतिवृष्टि से कस्बे को दो बार बाढ़ का सामना करना पड़ा था ,बाढ़ से जल भराव बस्तियो व दुकानदारो को बाढ़ से लाखो रुपए का नुकसान हुआ था I वही महावीर बस्ती , खारसीया वास , सहित तालाब के ऊपरी बस्तिया एक पखवाडे तक जल भराव से बस्तियो को काफी परेशानियो का सामना करना पडा था , इससे सबक लेकर नगर पालिका की ओर से इस वर्ष मानसून की बारिश से पहले गुरुवार से ही सक्रियता दिखाई । बरसाती पानी आवक का मुख्य मार्ग नेशनल हाइवे 325 को ऊंचा उठाने लिए उच्चाधिकारियो को अवगत कराया गया । प्रशासन 11माह बीतेने बाद तकनीकी प्रशासन हाईवे गुरुवार को तखतगढ़ पहुंचकर बरसाती पानी निकासी के मार्गो का अवलोकन किया । तखतगढ़ हर बार बाढ़ ग्रस्त होने को रोकने के कारगर उपायों को लेकर अधिकारियो ने तखतगढ़ पहुंच कर तखतगढ़ व बलाना के बीच पानी निकासी के लिए 4 स्थानों पर अंडरपास, तखतगढ़ चौराहा पर राष्ट्रीय राजमार्ग 325 को ऊंचा उठाने का पारित किया निर्णय लिया । बता दे कि बीते वर्ष 18 जून माह में तखतगढ़ में बिपरजॉय तूफान से बाढ़ से पुलिस थाना पशु चिकित्सालय ग्राम सेवा सहकारी समिति व तखतगढ़ की महावीर बस्ती खारसीया वास आदि बस्तिया जल मग्न हुई थी । तकनीकी अधिकारियो ने बरसाती जल आवक बस्तियो में आने वाले रास्तो का अवलोकन किया गया ।
◆ इन अधिकारियो ने देखे बरसाती जल आवक के रास्ते
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तकनीकी अधिकारियो ने सुमेरपुर उपखंड अधिकारी हरिसिंह देवल, तखतगढ़ पालिकाध्यक्ष ललित रांकावत, उपाध्यक्ष मनोज नामा, कनिष्ठ अभियंता आकाश त्रिवेदी , कार्यालय सहायक रतन सांखला के साथ राष्ट्रीय मार्ग 325 बलाना गांव से तखतगढ के जालौर चौराहे तक 4 स्थानो पर बनने वाले अंडरपासो सहित बरसाती पानी के तालाब तक पहुंचने के रास्तो अवलोकन किया।
● बाढ़ से प्रभावित लोगो का कहना : – बस्तियो के बाढ़ से पीडित लोगो का कहना है कि प्रशासन हाइवे की तरफ से पानी आता है , जाता नही | पानी चाहे अंडरपास से आए या रोड के उपर से आएगा तो तालाब में ही तालाब भरने के बाद जब ओवरफ्लो होता है तब पानी महावीर बस्ती और खारसियास वास बाढ़ के हालात उत्पन्न हो जाते है ।जब हाइवे नही बना था तब पानी पहले कच्चा अब गौरवपथ से होकर तालाब में आता था । अब ऊंचा रोड बन जाने से पानी चौराहे से होकर आता है । समस्या तब आती है जब तालाब ओवरफ्लो होता है । लेकिन विडंबना ये है कि पानी निकासी का सिस्टम विकसित करने की बजाय पानी आने वाले रास्तों को सुगम बनाया जा रहा है ।